लखनऊ घंटाघर पर महिलाओं के धरने पर पुलिसिया हमले के लिए योगी जिम्मेदारः रिहाई मंच

लखनऊ। रिहाई मंच ने लखनऊ घंटाघर पर शांतिपूर्ण ढंग से सीएए/एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर पुलिस द्वारा दमनात्मक कार्रवाई के लिए योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदार ठहराया। मंच ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने सीएए के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों को जिस तरह से कोरोना जैसा खतरनाक कहा उसी ने तय कर दिया कि वो किसी भी हद तक जा सकते हैं। रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि योगी की पुलिस बर्बरता की सभी सीमाओं को लांघते हुए उत्पीड़न पर उतारू है। जिसमें कुछ महिलाएं गंभीर रूप से घायल हुईं। जिन्हें अस्पताल तक जाना हुआ। कुछ महिलाएं धरना स्थल पर ही बेहोश हो गयीं। पलिस की जा सकता है कि उसने बूढ़ी बर्बरता का अंदाजा इसी से किया महिलाओं और विकलांगों को भी नहीं बख्शा और महिलाओं के पेट और अन्य जगहों पर लात और लाठियों से प्रहार किया। पुलिस ने धरना स्थल के मंच पर तोड़-फोड़ की और महिलाओं के बैठने की प्लास्टिक और दूसरे सामान उठा ले गई। पुलिस ने धार्मिक ग्रंथों का भी अपमान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस वालों की वर्दी पर नेम प्लेट नहीं थी और उन्होंने अपने मुंह ढंक रखे थे। इससे पुलिस के साथ वर्दी में साम्प्रदायिक संगठनों के गुंडों के भी होने संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता। मुहम्मद शुऐब ने कहा कि पुलिसिया कार्रवाई के कई वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिनमें पुलिस की बर्बरता को साफ देखा जा सकता है। पुलिस की इस बर्बर कार्रवाई ने साबित किया है कि उसे लोकतंत्र, संविधान और जनता के अधिकारों की कोई चिंता नहीं है। रिहाई मंच ने आरोप लगाया कि यह सब प्रदेश की योगी सरकार के इशारे पर हो रहा है। योगी आदित्यनाथ की छुपी हुई नहीं है। पहले कानून प्रदर्शनकारियों से खुत्रस किसी से व्यवस्था और सड़क जाम के नाम पर पुलिस हिंसा का सहारा लेती रही थी तो वहीं अब कोरोना वायरस के बहाने से बर्बरता कर रही है। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ खुद भी प्रदर्शनकारियों को कोरोना वायरस बता चुके हैं। जबकि पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लेने वाले इस वायरस की जांच के लिए 20 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में जांच का लखनऊ स्थित केजीएमयू में केवल एक सेंटर है। इससे अंदाज़ा होता है कि जिस कोरोना वायरस का आतंक दिखाकर योगी सरकार महिलाओं के धरने को खत्म करवाने पर आमादा है उसके प्रति उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार कितनी गंभीर है।